अशोक खेमका की कुल संपत्ति 2025: 57 बार ट्रांसफर झेल चुके और अपने ईमानदार छवि के लिए पहचाने जाने वाले IAS अधिकारी अशोक खेमका अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। 2025 में उनकी कुल संपत्ति का अनुमान ₹45 से ₹50 लाख के बीच लगाया गया है, जो कि इतने वरिष्ठ पद पर कार्यरत अधिकारी के लिए बेहद साधारण मानी जाती है।
🧑💼 कौन हैं अशोक खेमका?
अशोक खेमका, 1991 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने 2012 में रॉबर्ट वाड्रा और DLF के बीच की विवादित भूमि डील को रद्द करके सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद से वे ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल बन गए। उन्होंने अपने करियर में 57 बार ट्रांसफर झेले, जो अक्सर भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके एक्शन का नतीजा रहा।
💰 अशोक खेमका कुल संपत्ति 2025
श्रेणी | विवरण |
---|---|
अनुमानित कुल संपत्ति | ₹70 लाख – ₹1.3 करोड़ |
वार्षिक वेतन (अंतिम) | लगभग ₹40 लाख |
मुख्य आय स्रोत | सरकारी वेतन, पेंशन |
निजी निवेश/संपत्ति | कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं |
जीवनशैली | सादा और ईमानदार |
अशोक खेमका ने अपने करियर में कभी निजी व्यवसाय या लग्ज़री संपत्तियों में निवेश नहीं किया। उनकी संपत्ति उनकी ईमानदारी की मिसाल है।
🎓 शिक्षा और योग्यता
अशोक खेमका की शैक्षणिक योग्यता भी उतनी ही प्रभावशाली है:
- आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक
- TIFR से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी
- एमबीए (वित्त और प्रशासन)
- एलएलबी – पंजाब यूनिवर्सिटी से

📌 करियर की मुख्य उपलब्धियां
- 2012 में वाड्रा-DLF डील रद्द की
- 57 विभागों में तैनाती
- राजनीतिक दबावों के बावजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई
- 2023 में विजिलेंस डिपार्टमेंट में पोस्टिंग की मांग की
- 30 अप्रैल 2025 को 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हुए
🏆 एक ईमानदार अधिकारी की विरासत
जहां कई अधिकारी सेवा के दौरान करोड़ों की संपत्ति जुटाते हैं, वहीं अशोक खेमका कुल संपत्ति 2025 में भी सीमित रही। उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। वे आज भी युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं कि ईमानदारी से भी बदलाव संभव है।
निष्कर्ष:
अशोक खेमका का जीवन यह सिद्ध करता है कि सच्चाई और ईमानदारी के साथ भी एक मजबूत प्रशासनिक करियर बनाया जा सकता है। उनकी सादगी भरी संपत्ति और साहसिक निर्णय आज के भारत में एक दुर्लभ उदाहरण हैं।