पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की राशि: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को वैश्विक व्यापार में मंदी और मांग में कमी से बचाने के लिए 1 अरब डॉलर की राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है। इस किस्त के साथ, पाकिस्तान ने वर्तमान IMF कार्यक्रम के तहत कुल 2 अरब डॉलर की राशि प्राप्त कर ली है।
इसके अलावा, IMF ने पाकिस्तान के जलवायु अनुकूलन और स्थिरता परियोजनाओं के लिए अपने Resilience and Sustainability Facility (RSF) के तहत असाधारण 1.4 अरब डॉलर के ऋण को भी मंजूरी दी है।
भारत ने विरोध जताया, IMF मतदान में रहा अनुपस्थित
भारत ने अनौपचारिक रूप से पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की राशि ऋण के अनुमोदन का विरोध किया। 26 सितंबर को IMF कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भारत ने मतदान से परहेज किया। भारतीय अधिकारियों, जिनमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी शामिल हैं, ने इस बात पर आशंका जताई कि यह ऋण पाकिस्तान द्वारा सीमा-पार आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह चिंता भारत-प्रशासित कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों के बाद और बढ़ गई है।
भारत ने IMF की सदस्य के रूप में यह मुद्दा भविष्य की बैठकों में उठाने का फैसला किया है। साथ ही, भारत ने यह अधिकार भी दावा किया है कि वह पड़ोसी देशों की वित्तीय गतिविधियों के बारे में IMF के माध्यम से जानकारी मांग सकता है।

पाकिस्तान सरकार ने भारत के आरोपों को खारिज किया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान को IMF ऋण रोकने की कोशिशें नाकाम रही हैं। पीएम कार्यालय ने जोर देकर कहा कि यह ऋण केवल आर्थिक सुधारों और देश को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जो IMF की शर्तों के अनुरूप होगा।
क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है
IMF की पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की राशि मंजूरी के साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव भी बढ़ रहा है। हाल में बैलिस्टिक मिसाइल हमलों और उड़ान प्रतिबंधों ने क्षेत्रीय शांति, पर्यटन और व्यापार को प्रभावित किया है। कश्मीर में सीमा-पार गोलीबारी में दोनों देशों के सैनिक मारे गए हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।
IMF की इस मदद के बावजूद, लगातार जारी सैन्य तनाव ने अल्पकालिक और मध्यम अवधि में आर्थिक सुधारों और राजनीतिक स्थिरता की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
IMF ने पाकिस्तान की प्रगति की सराहना की
IMF ने पाकिस्तान द्वारा अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, घरेलू राजस्व बढ़ाने और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए किए गए “मजबूत नीतिगत प्रयासों” की सराहना की। IMF ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, जलवायु अनुकूलन और ऋण प्रबंधन के प्रयासों को भी इस ऋण के अनुमोदन का कारण बताया।
IMF पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा है?
IMF का यह समर्थन पाकिस्तान को निम्नलिखित चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा:
- उच्च बाह्य ऋण
- मुद्रा अवमूल्यन
- गिरते विदेशी मुद्रा भंडार
- जलवायु संबंधी संकट
इसका उद्देश्य पाकिस्तान को अल्पकालिक भुगतान संतुलन के दबावों से निपटने और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने में सहायता करना है।
आगे की राह
IMF द्वारा 1 अरब डॉलर के ऋण की मंजूरी पाकिस्तान के आर्थिक सुधारों में विश्वास को दर्शाती है। हालांकि, भारत की कूटनीतिक अड़चन और क्षेत्र में बढ़ता सैन्य तनाव दक्षिण एशिया की शांति और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बना हुआ है।