Pope Francis Death: 88 साल की उम्र में नहीं रहे पोप फ्रांसिस, जानिए क्या होगा अब वेटिकन में!

Pope Francis Death at the age of 88 has left the world in mourning — learn about his remarkable legacy, final message, and what this means for the future of the Catholic Church.

Sekhar Das
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Sekhar Das - Editor
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वेटिकन सिटी, 21 अप्रैल 2025 — कैथोलिक चर्च के प्रमुख और विश्वभर में करोड़ों अनुयायियों के आध्यात्मिक नेता, पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया (Pope Francis Death)। उन्होंने वेटिकन के अपने निवास ‘कासा सांता मार्ता’ में सुबह 9:45 बजे अंतिम सांस ली।

जीवन परिचय

पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। उनका मूल नाम जोर्ज मारियो बेर्गोलियो था। 13 मार्च 2013 को वे पोप बने, और इस पद पर आसीन होने वाले पहले लैटिन अमेरिकी, पहले जेसुइट और एक सहस्राब्दी से अधिक समय बाद पहले गैर-यूरोपीय पोप बने।

स्वास्थ्य और अंतिम संदेश

हाल के वर्षों में पोप फ्रांसिस स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे, जिनमें फेफड़ों और गुर्दों की गंभीर बीमारियाँ शामिल थीं। अप्रैल 2025 की शुरुआत में उन्हें डबल निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बावजूद, उन्होंने 20 अप्रैल को सेंट पीटर्स बेसिलिका से अपना अंतिम ईस्टर आशीर्वाद दिया था।

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Pope Francis Death
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वैश्विक प्रतिक्रिया

पोप फ्रांसिस के निधन पर विश्वभर में शोक की लहर है। ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने उन्हें “दुनिया के सबसे प्रेरणादायक आध्यात्मिक नेताओं में से एक” बताया और उनके अंतिम ईस्टर संदेश को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

Pope Francis Death के बाद विरासत

पोप फ्रांसिस को उनके विनम्र स्वभाव, सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता, पर्यावरण संरक्षण, प्रवासियों के अधिकारों और LGBTQ+ समुदाय के प्रति सहानुभूति के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने चर्च में सुधारों की शुरुआत की और पारंपरिक मुद्दों पर प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाया।

आगे की प्रक्रिया

पोप फ्रांसिस के निधन के साथ ही कैथोलिक चर्च में नए पोप के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वेटिकन में कार्डिनलों की एक सभा (कॉन्क्लेव) आयोजित की जाएगी, जिसमें नए पोप का चुनाव किया जाएगा।

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पोप फ्रांसिस को उनके कार्यों और दृष्टिकोण के कारण वैश्विक स्तर पर बहुत सम्मान मिला। नीचे उनके बारे में 10 प्रमुख बातें दी गई हैं जिनके लिए वे विशेष रूप से जाने जाते थे:

  1. पहले लैटिन अमेरिकी पोप – वे अर्जेंटीना से आने वाले पहले पोप थे और यूरोप के बाहर से चुने गए पहले पोप बने।
  2. जेसुइट पंथ के पहले पोप – वे जेसुइट समुदाय (Society of Jesus) के पहले सदस्य थे जो पोप बने।
  3. सरल और विनम्र जीवनशैली – उन्होंने वेटिकन की पारंपरिक भव्यता से दूर रहते हुए एक साधारण जीवन चुना।
  4. गरीबों के प्रति समर्पण – पोप फ्रांसिस ने हमेशा समाज के गरीब और वंचित वर्ग के लिए आवाज़ उठाई और उनकी मदद को प्राथमिकता दी।
  5. पर्यावरण संरक्षण के पक्षधर – उन्होंने 2015 में “Laudato Si” नामक एनसाइक्लिकल जारी कर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर जोर दिया।
  6. प्रगतिशील दृष्टिकोण – LGBTQ+ समुदाय, तलाकशुदा लोगों और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर उनका रुख पारंपरिक सोच से कहीं अधिक सहानुभूतिपूर्ण और खुला था।
  7. अंतरधार्मिक संवाद के समर्थक – उन्होंने इस्लाम, यहूदी धर्म और अन्य धर्मों के साथ संवाद को बढ़ावा दिया।
  8. भ्रष्टाचार और यौन शोषण के विरुद्ध कड़ा रुख – चर्च में यौन शोषण और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए।
  9. यात्राओं के माध्यम से शांति संदेश – वे दुनिया भर में यात्रा करते रहे और शांति, करुणा व सह-अस्तित्व का संदेश फैलाते रहे।
  10. युवा पीढ़ी को प्रेरित किया – उन्होंने युवाओं से संवाद बनाए रखा, विश्व युवा दिवस जैसे आयोजनों के माध्यम से उन्हें चर्च से जोड़े रखा।
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शेखर दास समाचार न्यूज़ में संपादक हैं, जो सटीक और समय पर समाचार अपडेट प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। पत्रकारिता के प्रति उनके जुनून और गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग के प्रति समर्पण के साथ, वह इस मंच की विश्वसनीयता और प्रासंगिकता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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