प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट (विझिंजम पोर्ट) का उद्घाटन किया, जो भारत का पहला समर्पित ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है। करीब ₹8,900 करोड़ की लागत से बने इस बंदरगाह का निर्माण अडानी समूह द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत किया गया है, जिसमें केरल सरकार की बहुमत हिस्सेदारी है। (Hindustan Times)
📌 परियोजना की विशेषताएं
- स्थान: विझिंजम, तिरुवनंतपुरम, केरल
- लागत: ₹8,900 करोड़
- मॉडल: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)
- नियंत्रण: अडानी समूह द्वारा संचालन, केरल सरकार की बहुमत हिस्सेदारी
- विशेषता: भारत का पहला गहरा पानी वाला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट
यह बंदरगाह भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में मदद करेगा, जिससे देश की विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता कम होगी और सालाना लगभग $220 मिलियन की बचत होगी।
🚢 पहला मादरशिप आगमन
विझिंजम पोर्ट ने जुलाई 2024 में अपना पहला मादरशिप ‘MV San Fernando‘ का स्वागत किया, जो चीन के शियामेन बंदरगाह से आया था। यह पोत 2,000 कंटेनरों के साथ आया और इसे जल सलामी दी गई।

🗣️ पीएम मोदी का विपक्ष पर कटाक्ष
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “यह बंदरगाह कई लोगों की नींद उड़ा देगा।” उन्होंने अडानी समूह की प्रशंसा करते हुए कहा कि गुजरात में इतने वर्षों के अनुभव के बावजूद, अडानी ने केरल में इतना उत्कृष्ट बंदरगाह बनाया है।
🌊 भविष्य की योजनाएं
विझिंजम पोर्ट को 2028-29 तक पूरी तरह से चालू करने की योजना है, जिसमें इसकी क्षमता को 3 मिलियन TEU तक बढ़ाया जाएगा। अडानी समूह इस विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़ का निवेश करेगा। (Wikipedia)
यह विझिंजम पोर्ट भारत के समुद्री व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।